कृष्ण कुमार यादव का महिला दिवस विशेष आलेख : लिंग समता – एक विश्लेषण

SHARE:

लिंग समता : एक विश्‍लेषण सृष्‍टि के आरम्‍भ से ही नर व नारी एक दूसरे के पूरक रहे हैं। यह बात इस तथ्‍य से बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट हो जाती है कि...

लिंग समता : एक विश्‍लेषण

clip_image002

सृष्‍टि के आरम्‍भ से ही नर व नारी एक दूसरे के पूरक रहे हैं। यह बात इस तथ्‍य से बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट हो जाती है कि यदि नर व नारी दोनों में से कोई भी एक न हुआ होता तो सृष्‍टि की रचना ही सम्‍भव न थी। कुछेक अपवादों को छोड़कर विश्‍व में लगभग हर प्रकार के जीव-जन्‍तुओं में दोनों रूप नर-मादा विद्यमान हैं। समाज में यह किवदन्‍ती प्रचलित है कि भगवान भी अर्द्धनारीश्‍वर हैं अर्थात उनका आधा हिस्‍सा नर का है और दूसरा नारी का। यह एक तथ्‍य है कि पुरुष व नारी के बिना सृष्‍टि का अस्‍तित्‍व सम्‍भव नहीं, दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं किन्‍तु इसके बावजूद भी पुरुष व नारी के बीच समाज विभिन्‍न रूपों में भेद-भाव करता है। जिसकी प्रतिक्रियास्‍वरूप ”लिंग समता“ अवधारणा का उद्‌भव हुआ अर्थात ”लिंग के आधार पर भेदभाव या असमानता का अभाव“।

जैविक आधार पर देखें तो स्‍त्री-पुरुष की संरचना समान नहीं है। उनकी शारीरिक-मानसिक शक्‍ति में असमानता है तो बोलने के तरीके में भी । इन सब के चलते इन दोनों में और भी कई भेद दृष्‍टिगत होते हैं। इसी आधार पर कुछ विचारकों का मानना है कि -”स्‍त्री-पुरुष असमता का कारण सर्वथा जैविक है।“ अरस्‍तू ने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा कि - ”स्‍त्रियाँ कुछ निश्‍चित गुणों के अभाव के कारण स्‍त्रियाँ हैं“ तो संत थॉमस ने स्‍त्रियों को ”अपूर्ण पुरुष“ की संज्ञा दी। पर जैविक आधार मात्र को स्‍वीकार करके हम स्‍त्री के गरिमामय व्‍यक्‍तित्‍व की अवहेलना कर रहे हैं। प्रकृति द्वारा स्‍त्री-पुरुष की शारीरिक संरचना में भिन्‍नता का कारण इस सृष्‍टि को कायम रखना था । अतः शारीरिक व बौद्धिक दृष्‍टि से सबको समान बनाना कोरी कल्‍पना मात्र है। अगर हम स्‍त्रियों को इस पैमाने पर देखते हैं तो इस तथ्‍य की अवहेलना करना भी उचित नहीं होगा कि हर पुरुष भी शारीरिक व बौद्धिक दृष्‍टि के आधार पर समान नहीं होता। अतः इस सच्‍चाई को स्‍वीकार करके चलना पडे़गा कि जैविक दृष्‍टि से इस जगत में भेद व्‍याप्‍त है और इस अर्थ में लिंग भेद समाप्‍त नहीं किया जा सकता।

वस्‍तुतः समानता का व्‍यावहारिक रूप है ”अधिकार की समानता“। यह समानता शारीरिक पहलुओं से परे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक व पारिवारिक क्षेत्रों में व्‍याप्‍त है। इस प्रकार लिंग समानता का तात्‍पर्य है - ”जैविक भेदों या लिंग के आधार पर असमानता नहीं होनी चाहिए।“ इसी नैतिक सूत्र पर लिंग-समता का पूरा विचार टिका हुआ है। आज लिंग समता का प्रश्‍न किसी देश विशेष तक सीमित नहीं रहा वरन्‌ एक विश्‍वव्‍यापी आन्‍दोलन का रूप धारण कर चुका है। चाहे वह राजनीति, अर्थनीति, सामाजिक या रोजगार का क्षेत्र हो, सर्वत्र नारी पुरुषों से कदम से कदम मिलाने का अधिकार माँग रही है। लिंग असमानता का विकृत रूप जन्‍म से ही देखा जा सकता है जब कन्‍या-भ्रूण की पेट में ही हत्‍या कर दी जाती है। शायद इसी कारण माना जाता है कि - ”स्‍त्री-पुरुष असमता का एक कारण स्‍त्री स्‍वयं ही है ।“ चाहे वह लालन-पालन हो, शिक्षा हो, रोजगार हो, हर जगह स्‍त्री ने ही अपनी बेटियों को बेटे के बजाय गौण स्‍थान प्रदान किया है। अतः जरूरत है कि नारी स्वयं ही नारी भेदभाव का कारण न बने।

यहाँ पर प्रश्‍न उठता है कि नर-नारी समानता माने क्‍या? क्‍या नारी द्वारा हर वो कर्म किया जाना समानता का प्रतीक होगा जो पुरुष कर सकते हैं। तमाम पाश्‍चात्‍य देशों में नारी-स्‍वतंत्रता के नाम पर स्‍त्रियों ने प्रतीकात्‍मक रूप में न्‍यायालयों में या सार्वजनिक जगहों पर अपनी छाती उघाड़ कर स्‍वतंत्रता का आगाज किया है पर इसे उचित ठहराना सम्‍भव नहीं। इस्‍लामिक देशों में स्‍त्री के मत को ”आधा मत“ माना जाता है तो तमाम देशों में अभी तक कोई महिला संसद में निर्वाचित होकर पहुंची ही नहीं है। इन सबके विरूद्ध लिंग समता एक प्रतिक्रिया के रूप में उभरी है। इस सबके पीछे एक तत्‍वमीमांसीय आधार भी सन्‍निहित है कि सभी में एक ही सत्‌ ईश्‍वर का वास है अतः असमानता जायज नहीं। विभिन्‍न देशों ने संवैधानिक उपबन्‍धों द्वारा नर-नारी असमानता का उन्‍मूलन कर दिया है। भारतीय संविधान भी किसी विभेद को अस्‍वीकार करता है।

भारतीय परम्‍परा नारी को पूजनीय मानती है अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता वास करते हैं पर यह भी समानता नहीं है क्‍योंकि यहाँ पर नारी आराध्‍य है और पुरुष सेवक है। नैतिक आधार पर दोनों हेतु समानता की माँग की जाती है अतः लिंग समानता को धार्मिक आधार पर विभ्रमित नहीं करना चाहिए।

नारी मुक्‍ति आन्‍दोलन से नारी ही प्रथमतः जुड़ी जिसकी अभिव्‍यक्‍ति उनके लेखों, नारों इत्‍यादि में दिखायी देती है। लिंगीय विभेद के प्रश्‍न को उठाने वाली प्रथम दार्शनिक चिन्‍तक साइमन डी बुआ (The second sex -1949 थीं। अस्‍तित्‍ववादी विचारों की पोषक बुआ ने स्‍त्रियों के विरूद्ध होने वाले अत्‍याचारों और अन्‍यायों का विश्‍लेषण करते हुए लिखा कि - ”पुरुष ने स्‍वयं को विशुद्ध चित्‍त (Being-for- itself : स्‍वयं में सत्‌ ) के रूप में परिभाषित किया है और स्‍त्रियों की स्‍थिति का अवमूल्‍यन करते हुए उन्‍हें ”अन्‍य“ के रूप में परिभाषित किया है व इस प्रकार स्‍त्रियों को ”वस्‍तु“ रूप में निरूपित किया गया है। बुआ का मानना था कि स्‍वयं स्‍त्रियों ने भी इस स्‍थिति को स्‍वीकार कर लिया । वर्तमान में कुछ पुरुष चिन्‍तकों ने भी नारी आन्‍दोलन के पक्ष में बहुत कुछ लिखा है । वस्‍तुतः समाज का एक बड़ा वर्ग अब स्‍वीकारता है कि स्‍त्री को ”सेक्‍स“ का पर्यायवाची बनाकर ”यौन प्राणी“ मात्र बना दिया गया अर्थात पुरुष को विषयी, निरपेक्ष व स्‍वायत्‍त रूप में एवं स्‍त्री को विषय, अन्‍य, सापेक्ष व पराधीन रूप में माना गया । इस प्रकार एक चेतन वर्ग द्वारा दूसरे चेतन वर्ग को अधीनता प्रदान की गयी और दूसरे वर्ग ने अपनी अधीनता स्‍वीकार कर ली । इस प्रकार स्‍त्री पुरुष में एक द्वैत की स्‍थापना की गई है। एक प्रसिद्ध विचारक के शब्‍दों में - ”पुरुषों की नैतिकता महज सेक्‍स तक सीमित है लेकिन औरत की नैतिकता को उसके व्‍यवहार से जोड़ दिया गया है।“

आज जरूरत है नर व नारी के बीच जैविक विभेद को स्‍वीकार करते हुए सामंजस्‍य स्‍थापित करने और तद्‌नुसार सभ्‍यता के विकास हेतु कार्य करने की। नारी आन्‍दोलन मात्र एक पक्ष की आलोचना करके दूसरे पक्ष को मजबूत नहीं बना सकता है। यह सामाजिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी स्‍वास्‍थ्‍यप्रद नहीं है। लिंग समानता एक सुसंगत आदर्श है और इसके लिए हमें उन आदर्शों की ओर झांकना पडे़गा जहाँ से यह शुरू होती है । इस हेतु जरूरी है कि पुस्‍तकों के स्‍तर पर लिंग-अभिनति समाप्‍त किया जाये । स्‍त्रियों की शिक्षा, प्रशिक्षण, रोजगार व स्‍वास्‍थ्‍य के संबंध में ठोस कदम उठाने के साथ - साथ स्‍त्रियों में सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता व चिन्‍तन पैदा करने की परम आवश्‍यकता है। यद्यपि संविधान उन्‍हें शक्‍तियाँ प्रदान करता है पर स्‍त्रियों को इसमें स्‍वयं सक्रिय भूमिका निभानी होगी तथा हर प्रकार के भेद-भाव, शोषण, अन्‍याय, अत्‍याचार व दमन का डटकर मुकाबला करना होगा, तभी स्‍त्रियों की स्‍वतन्‍त्र पहचान बन पायेगी और एक व्‍यापक रूप में उनका स्‍वतन्‍त्र अस्‍तित्‍व कायम हो पायेगा । ऐसी ही स्‍थिति में लिंगीय समानता व्‍यावहारिक रूप में पूरे विश्‍व में स्‍थापित होगी । वर्तमान दौर में स्‍त्री ही स्‍त्री की प्रगति में बाधक बनी है। दहेज हेतु वधू को जलाने या प्रताड़ित करने में सास, परिवार में बहू एवं पु़त्री को अधिकारों से वंचित करने व नियंत्रण आरोपित करने में सास एवं माँ के रूप में स्‍त्री ही जिम्‍मेदार है तो कन्‍या भ्रूण की हत्‍या हेतु पत्‍नी भी उतनी ही जिम्‍मेदार है। भारत जैसे पारम्‍परिक समाज में इसे लागू करने में अभी कुछ कठिनाइयाँ है क्‍योंकि हमारी सांस्‍कृतिक परम्‍परा काफी लम्‍बी है जबकि कास्‍मोपॉलिटन समाज में यह परिवर्तन शीघ्रता से हो सकेगा।

इसमें कोई शक नहीं कि लिंग-समता को बौद्धिक स्‍तर पर कोई भी खण्‍डित नहीं कर सकता। नर-नारी सृष्‍टि रूपी परिवार के दो पहिये हैं। तमाम देशों ने संविधान के माध्‍यम से इसे आदर्श रूप में प्रस्‍तुत किया है पर जरूरत है कि नारी अपने हकों हेतु स्‍वयं आगे आय। मात्र नारी आन्‍दोलनों द्वारा पुरुषों के विरुद्ध प्रतिक्रियात्‍मक दृष्‍टिकोण व्‍यक्‍त करने से कुछ नहीं होगा। पुरूषों को भी यह धारणा त्‍यागनी होगी कि नारी को बराबरी का अधिकार दे दिया गया तो हमारा वर्चस्‍व समाप्‍त हो जायेगा। उन्‍हें यह समझना होगा कि यदि नारियाँ बराबर की भागीदार बनीं तो उन पर पड़ने वाले तमाम अतिरिक्‍त बोझ समाप्‍त हो जायेंगे और वे तनावमुक्‍त होकर जी सकेंगे। यह नर-नारी समता का एक सुसंगत एवं आदर्श रूप होगा ।

कृष्‍ण कुमार यादव

भारतीय डाक सेवा

वरिष्‍ठ डाक अधीक्षक

कानपुर मण्‍डल, कानपुर-208001

kkyadav.y@rediffmail.com

--

जीवन-वृत्त

नाम ः कृष्ण कुमार यादव

जन्म ः 10 अगस्त 1977, तहबरपुर, आजमगढ़ (उ0 प्र0)

शिक्षा ः एम0 ए0 (राजनीति शास्त्र), इलाहाबाद विश्वविद्यालय

विधा ः कविता, कहानी, लेख, लघुकथा, व्यंग्य एवं बाल कविताएं।

प्रकाशन ः समकालीन हिंदी साहित्य में नया ज्ञानोदय, कादम्बिनी, सरिता, नवनीत, आजकल, वर्तमान साहित्य,

उत्तर प्रदेश, अकार, लोकायत, गोलकोण्डा दर्पण, उन्नयन, दैनिक जागरण, अमर उजाला, राष्ट्रीयसहारा,

आज,द सण्डे इण्डियन, इण्डिया न्यूज, अक्षर पर्व, युग तेवर इत्यादि सहित 200 से ज्यादा

पत्र-पत्रिकाओं णमें रचनाओं का नियमित प्रकाशन। दो दर्जन से अधिक स्तरीय काव्य संकलनों में रचनाओं

का प्रकाशन। विभिन्न वेब पत्रिकाओं- सृजनगाथा, अनुभूति, अभिव्यक्ति, साहित्यकुंज, साहित्यशिल्पी, लिटरेचर

इंडिया, रचनाकार, हिन्दी नेस्ट, इत्यादि पर रचनाओं का नियमित प्रकाशन।

प्रसारण ः आकाशवाणी लखनऊ से कविताओं का प्रसारण।

कृतियाँ ः अभिलाषा (काव्य संग्रह-2005), अभिव्यक्तियों के बहाने (निबन्ध संग्रह-2006), इण्डिया पोस्ट- 150 ग्लोरियस

इयर्स (अंगेरजी-2006), अनुभूतियाँ और विमर्श (निबन्ध संग्रह-2007), क्रान्ति यज्ञ: 1857-1947 की गाथा

(2007)। बाल कविताओं व कहानियों के संकलन प्रकाशन हेतु प्रेस में।

सम्मान ः विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों द्वारा सोहनलाल द्विवेदी सम्मान, कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान,

महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, काव्य गौरव, राष्ट्रभाषा आचार्य, साहित्य मनीषी सम्मान, साहित्य

गौरव, काव्य मर्मज्ञ, अभिव्यक्ति सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, साहित्य श्री, साहित्य विद्यावाचस्पति, देवभूमि

साहित्य रत्न, ब्रज गौरव, सरस्वती पुत्र और भारती-रत्न से अलंकृत। बाल साहित्य में योगदान हेतु भारतीय बाल

कल्याण संस्थान द्वारा सम्मानित।

विशेष ः व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव‘‘ शोधार्थियों हेतु

प्रकाशित। सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा0 राष्ट्रबन्धु द्वारा सम्पादित ‘बाल साहित्य समीक्षा’(सितम्बर 2007) एवं

इलाहाबाद से प्रकाशित ‘गुफ्तगू‘ (मार्च 2008) द्वारा व्यक्तित्व-कृतित्व पर विशेषांक प्रकाशित।

अभिरूचियाँ ः रचनात्मक लेखन व अध्ययन, चिंतन, नेट-सर्फिंग, फिलेटली, पर्यटन, सामाजिक व साहित्यिक कार्यों में

रचनात्मक भागीदारी, बौद्धिक चर्चाओ में भाग लेना।

सम्प्रति/सम्पर्क ःकृष्ण कुमार यादव, भारतीय डाक सेवा, वरिष्ठ डाक अधीक्षक, कानपुर मण्डल, कानपुर-208001

ई-मेलः kkyadav.y@rediffmail.com वेबपेज : http://www.kkyadav.blogspot.com

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कृष्ण कुमार यादव का महिला दिवस विशेष आलेख : लिंग समता – एक विश्लेषण
कृष्ण कुमार यादव का महिला दिवस विशेष आलेख : लिंग समता – एक विश्लेषण
http://lh5.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/SbX_JaKesmI/AAAAAAAAF50/Lys-bwNMjK0/clip_image002%5B5%5D.jpg?imgmax=800
http://lh5.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/SbX_JaKesmI/AAAAAAAAF50/Lys-bwNMjK0/s72-c/clip_image002%5B5%5D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2009/03/blog-post_10.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2009/03/blog-post_10.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content