चुटकुले 201 - 224

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चुटकुला # 0201 मोनोपॉली टूटी! चंगू-मंगू प्लेटफॉर्म पर बैठे मूँगफलियाँ खा रहे थे। तभी उन्होंने देखा ट्रेन रुकी। सामने के डिब्बे से एक ...

चुटकुला # 0201

मोनोपॉली टूटी!

चंगू-मंगू प्लेटफॉर्म पर बैठे मूँगफलियाँ खा रहे थे। तभी उन्होंने देखा ट्रेन रुकी। सामने के डिब्बे से एक युवती उतरी और उसने

प्लेटफॉर्म पर खड़ी दूसरी लड़की को जोर से भींचते हुए गले लगा लिया।

चंगू ने कहा- बस, इसीलिए हमारा देश पाताल में जा रहा है।

मंगू ने पूछा- 'क्यों भला?

चंगू ने बताया- 'देखा नहीं? अब महिलाओं ने पुरुषों वाले ये खास काम भी करने शुरू कर दिए।

चुटकुला # 0202

उमर निगोडी!

ट्रेन में कुछ वृध्दाएँ चर्चा कर रही थीं। अचानक उम्र पर आकर बात ठहरी। एक-दूसरे से

उम्र पूछी जाने लगी। साठ वर्षीय मोहतरमा बोलीं- मैं तो अभी चालीस की हूँ।

पैंसठ साल वाली ने कहा- मैं तो अभी चौंतीस की हूँ।

सत्तर साल वाली ने फरमाया- मैं तो सत्ताईस की हूँ।

अचानक ऊपर बर्थ पर लेटा इनकी चर्चा सुन रहा एक नौजवान धम्म से इनके बीच कूद

पड़ा। सब चौंक कर बोलीं- अरे, तुम कहाँ से आए?

नौजवान ने शरारत से कहा- मैं? बस, अभी-अभी पैदा हुआ हूँ।

चुटकुला # 0203

कर्मकांडी!

एक सेक्रेटरी ने दफ्तर आने से पहले बॉस को फोन लगाया- 'हलो बॉस! परसों मैं गाजर के हलुए के स्वाद वाली लिपस्टिक लगाकर आई थी, कल मैं आलू के पराँठे के स्वाद वाली लिपस्टिक लगाकर आई थी। कृपया आदेश दें, आज मैं कौन से स्वाद वाली

लिपस्टिक लगाकर आऊँ?

बॉस ने अगरबत्तियों से खेलते हुए कहा- 'आज मेरा ग्यारस का उपवास है हनी! तुम्हारे

पास कोई फलाहारी लिपस्टिक है क्या?

चुटकुला # 0204

डंडा चिकित्सा!

बच्चूसिंह शराब के घनघोर नशे में एक पैर फुटपाथ पर और एक पैर सड़क पर रखते चले जा रहे थे। पीछे से थानेदार ननकू ने आकर मोटा डंडा रसीद किया और पूछा- 'क्यों रे खटखोपड़ी! कितनी पी रखी है तूने?

बच्चूसिंह संभलते हुए बोला - याद दिलाने का शुक्रिया माई बाप कि पी रखी है मैंने। वर्ना अपुन तो समझा था कि

लंगडा हो गया रे!

चुटकुला # 0205

हमाम में सब.....

मुंबई ने एक सिनेमाघर में एक युवती ने मैनेजर की कनपटी पर पिस्तौल अडा दी और कहा- 'मेरा पति अंदर बैठा

दूसरी औरत के साथ पिक्चर देख रहा है। उन दोनों को तुम जल्दी से बाहर निकालो, वरना तुम्हें गोली मार दूँगी।

मैनेजर ने डर से काँपते हुए थिएटर में अनाउंसमेंट करवाया- 'जो भी पुरुष पराई स्त्री के साथ पिक्चर देख रहा हो,

जल्दी से बाहर आ जाए। अनाउंसमेंट का होना था कि दो मिनट में सारा थिएटर ही खाली हो गया।

चुटकुला # 0206

क्या नजारा!

एक थुलथुल पत्नी ने अपने ढुलमुल पति से चेतावनी के स्वर में कहा- 'इस बाथरूम में अब परदे लग ही जाने चाहिए। मैं ठीक से नहा भी नहीं सकती, कि कहीं मुझे पड़ोसी न देख लें।

पति ने टालमटोल करते हुए जवाब दिया- 'चिंता मत करो डॉर्लिंग! अगर उन्होंने तुम्हें नहाते हुए देख लिया, तो खुद ही अपनी खिडकियों पर परदे लगवा लेंगे।

चुटकुला # 0207

वस्त्रम् समर्पयामि!

मिस रंभा ने अपने फिजियोथेरेपिस्ट को फोन लगाया -'डॉक्टर सुबह जब मैं चेकअप कराने आई थी, शायद मेरा अंतर्वस्त्र वहीं रह गया।

डॉक्टर ने कहा नहीं यहाँ तो नहीं है।

मिस रंभा ने कहा- 'ओह, तो फिर हो सकता है, वह मेरे डेंटिस्ट के यहाँ रह गया हो।

चुटकुला # 0208

खुल्लमखुल्लु!

टू पीस बिकिनी पहले एक दिलफरेब कन्या नदी की तरफ बढ़ रही थी कि वहाँ घूम रहे एक

पुलिसमैन ने टोका- 'ऐई छोकरी! यहाँ दो टुकडों वाले कपड़े पहनकर तैरना और नहाना मना है।

कन्या ने नशीली अदा से कहा- 'ओहो! तो आज्ञा कीजिए इनमें से कौन सा टुकडा उतार फेंकूँ्र ?

चुटकुला # 0209

काश हम होते !

टॉम : बधाई हेनरी ! क्या जबरदस्त स्पोर्ट्स कार है! ऐ सुनो, तनखा बढ़ गई क्या तुम्हारी?

हेनरी : न रे भइया। बात दरअसल यूँ है कि परसों अपने राम पैदल चले जा रहे थे। तभी एक सुंदर सलोनी ने अपनी कार रोकी और दे दी हमें लिप्ट।

टॉम : सुंदर सलोनी ने लिप्ट दे दी?

फिर...?

हेनरी : फिर क्या। ले गई हमें दूर, सुनसान में और एक जगह रुककर उसने अपना एक-एक कपड़ा उतार डाला।

टॉम : फिर भइयाँ? फिर??

हेनरी : फिर बोली ऐई! ले लो, तम्हें जो भी चाहिए। और टॉम भइया, मैंने तो कार ले ली।

टॉम : हद है यार। तुम एकदम मूर्ख निकले। कार ले ली?

हेनरी : मूर्ख क्यूँ भइया? कार नहीं थी मेरे पास, तो ले ली। अगर उसके कपड़े ले लेता, तो उन कपड़ों का मैं क्या करता भला?

चुटकुला # 0210

ना-ना करते

गट्टू- जब हमारे घुमंतू प्रोफेसर की बेटी सोलह साल की हो गई, तो पता है उन्होंने सबसे पहला काम क्या किया?

पट्टू- नहीं तो! क्या किया?

गट्टू- उन्होंने सबसे पहले उसे चौदह भाषाओं में 'नहीं कहना सिखाया।

चुटकुला # 0211

मालिक मनचला!

दो नौकरानियाँ बतिया रही थीं।

पहली- 'जबसे मालिक ने पियानो बजाना छोडा है, मेरी तो शामत ही आ गई है।

दूसरी- 'क्यों भला?

पहली- अरे, पहले उनकी उँगलियाँ कम से कम पियानो में तो व्यस्त रहती थीं।

चुटकुला # 0212

जागरण!

जज : मिस्टर, चंदू! क्या यह बात सच है कि तुम पच्चीस अगस्त की पूरी रात सेठ हजारीमल की सुंदर पत्नी के साथ सोए?

चंदू : सोया? कसम ले लें हुजूर, मैंने पलक तक नहीं झपकाई।

चुटकुला # 0213

जुम्मा-चुम्मा!

प्रेमिका : चुंबन क्या है?

प्रेमी : प्रेम की भाषा

प्रेमिका : तो कुछ बोलो ना!

चुटकुला # 0214

योग...

एक लेखक महोदय किसी सभा में भाषण दे रहे थे- 'अजीब संयोग है कि जिस दिन मुंशी प्रेमचंद का निधन हुआ उसी दिन मेरा जन्म हुआ! देखा जाए तो वह दिन हिन्दी साहित्य के लिए...

'बडे दुर्भाग्य का दिन था, एक श्रोता ने लेखक महोदय का अधूरा वाक्य पूरा किया।

चुटकुला # 0215

अंजाम-ए-मदहोशी...

शराबी (दूसरे शराबी से)- 'तेरे चेहरे पर ये सूजन क्यों है?

दूसरा शराबी- 'क्या बताऊँ यार, कल रात को जब मैं पीकर घर पहुँचा तो घर के सारे दरवाजे खुले हुए थे। मुझे अंदर चोरों के होने की आशंका हुई तो मैंने घर में घुसकर चोरों को ललकारकर कहा- हिम्मत हो तो सामने आकर मुकाबला करो। दूसरे ही क्षण एक जोरदार घूँसा मेरे मुँह पर लगा और मैं दरवाजे के बाहर जाकर गिरा।

पहला शराबी- 'फिर क्या हुआ?

दूसरा शराबी- 'गिरते ही नशा दूर हो गया और पता चला कि मैं एक मुक्केबाज के घर के सामने गिरा पड़ा हूँ।

चुटकुला # 0216

सॉरी...

एक ग्रामीण जो अनपढ़ था, शहर की बड़ी-बड़ी इमारतों को देखते हुए सामने से आ रही एक महिला से टकरा गया। महिला ने कहा- 'आय एम सॉरी।

ग्रामीण ने समझा कि महिला अपने साड़ी के बारे में उसे कुछ बतला रही है, इसलिए उसे अपने कपड़ों के बारे में भी कुछ कहना चाहिए। इस पर उसने कहा- 'आय एम धोती।

चुटकुला # 0217

निजात...

एक व्यक्ति के यहाँ डकैतों ने धावा बोल दिया। जब वे सारा सामान लूटकर ट्रक में

लादने लगे तो उस व्यक्ति ने एक संदूक की ओर इशारा करते हुए कहा- 'भैया इसे भी

अपने साथ ले जाओ।

एक डकैत ने मजाक करते हुए कहा- 'क्या इसमें तेरी बीवी बैठी है?

व्यक्ति ने कहा- 'नहीं, वो तो गोदरेज की आलमारी में गई, इसमें मेरी सास छुपकर

बैठी है।

चुटकुला # 0218

असली सेवा...

एक समाजसेवक ने एक सेठजी से कहा- 'सेठजी, आप हमारे अनाथालय के लिए क्या

सेवा कर सकते हैं?

सेठजी ने जवाब दिया- 'सेवा! ठीक है, मैं कल अपने चारों बच्चों को आपके पास

भेज दूँगा।

चुटकुला # 0219

वाह! क्या नाम है...

तीन खतरनाक कुत्तों के साथ घूम रहे एक सज्जन से राह चलते व्यक्ति ने पूछा-

'साबजी, इन कुत्तों के नाम क्या हैं?

सज्जन- 'राजू, मोनू और गोलू।

राहगीर- 'और आपका नाम?

सज्जन- 'अपुन का नाम टॉमी है।

चुटकुला # 0220

चिंता...

बीमा एजेंट ने एक कंजूस व्यक्ति को दुर्घटना बीमा पॉलिसी के बारे में जानकारी दी तो

वह विचारों में खो गया। एजेंट ने कहा- 'आप दुविधा में दिख रहे हैं, आप तो उस धन

के बारे में सोचो जो आपके न रहते पत्नी को मिलेगा।

व्यक्ति बोला- 'मैं इसी बात को लेकर चिंतित हूँ कि इतना धन मिलेगा और पत्नी

फिजूलखर्ची करेगी तो उसे रोकना कैसे संभव होगा।

चुटकुला # 0221

मर्दानगी...

सर्कस का रात्रि शो समाप्त हो चुका था। काफी देर बाद भी जब रिंग मास्टर अपने तंबू

में नहीं पहुँचा तो उसकी पत्नी को चिंता हुई। वह उसे खोजने निकली तो देखा कि रिंग

मास्टर शेर वाले कटघरे में खर्राटे ले रहा है। यह देखते ही पत्नी चिल्लाई- 'अच्छा!

मुझसे डरकर यहाँघुसे पड़े हो। कायर कहीं के, बाहर तो आओ।

चुटकुला # 0222

उपाय...

एक व्यक्ति सातवीं मंजिल का फ्लैट ढूँढने निकला। प्रॉपर्टी डीलर ने उससे पूछा-

'आपके पास अच्छा-खासा ग्राउंड फ्लोर का फ्लैट है, फिर आप सातवीं मंजिल पर

क्यों जाना चाहते हैं?

पति ने खुलासा किया- 'दरअसल, मेरी पत्नी को जब भी गुस्सा आता है तो वह फौरन

खिड़की से कूदकर मायके चली जाती है।

चुटकुला # 0223

जाति परिचय...

यूनिवसटी में समाजशास्त्र विभाग के कुछ छात्र ग्रुप डिस्कशन कर रहे थे। एक ने

कहा- 'आज के आधुनिक युग में आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि हम वानर

जाति के वंशज हैं।

दूसरे छात्र ने चुटकी लेते हुए कहा- 'जब साक्षात दर्शन हो रहे हैं तो इसमें कल्पना

करने की क्या जरूरत है।

चुटकुला # 0224

मुहूर्त...

एक ज्योतिषी के घर में चोर घुसे तो ज्योतिषी की पत्नी ने कहा कि शोर मचाओ। इतने में ज्योतिषी बोला- 'अभी मुहूर्त नहीं है, शोर कैसे मचाएँ।

छ: महीने बाद जब वह शुभ मुहूर्त आया तो ज्योतिषी ने शोर मचाया- 'चोर...

चोर...। मोहल्ले के लोग दौडे आए और उन्होंने पूछा कि चोर कहाँ है तो ज्योतिषी का जवाब था- 'चोर तो छ: महीने पहले ही भाग गए थे। लोगों ने पूछा- 'तो अब क्यों शोर मचा रहे हो? ज्योतिषी का जवाब था- 'मुहूर्त आज का ही था।

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रचनाकार: चुटकुले 201 - 224
चुटकुले 201 - 224
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