आलेख: बस्तर का भविष्य...

SHARE:

-शुभ्रांशु चौधरी आज से तीन साल पहले बस्तर में नक्सलियों के साथ कुछ दिन बिताने का मौका मिला था । तब मैं बीबीसी के लिये एक फिल्म बना रहा था । ...


-शुभ्रांशु चौधरी

आज से तीन साल पहले बस्तर में नक्सलियों के साथ कुछ दिन बिताने का मौका मिला था । तब मैं बीबीसी के लिये एक फिल्म बना रहा था । उन 7 दिनों के अनुभव पर मैंने कुछ लेख लिखे थे । हिन्दू के रविवारीय अंक में मैंने लिखा था " यदि एक 10 हजार की रैली के बारे में पुलिस को कानोंकान खबर नहीं मिलती है तो नक्सलियों के काम की उपेक्षा करना तो मूर्खता होगी पर उनका भविष्य तब तक ही है जब तक भारत सरकार सेना भेजने का फैसला नहीं करती है" ।

बीबीसी में मेरे एक वरिष्ठ साथी जो फौज़ के अफसर भी रह चुके हैं उन्होंने कहा था" तुम कश्मीर में कुछ समय बिताकर भारतीय फौज़ से काफी ज़्यादा प्रभावित हो । तुम भारतीय फौज़ की कमियां नहीं जानते और तुम्हारा आकलन गलत है" ।

मेरे कुछ कम्युनिस्ट मित्रों ने टिप्पणी की थी " हम तुम्हारे आकलन से सहमत हैं । भारत नेपाल नहीं है" ।

मैंने दैनिक भास्कर में एक और लेख लिखा । उसमें लिखा "पिछले 50 सालों में हमारी प्रजातांत्रिक सरकारों ने बस्तर के आदिवासियों को लूटने के सिवा कुछ नहीं किया । अब नक्सलियों के कारण वे वहां कुछ करना चाहते हैं पर नक्सलियों का लाल किले में लाल झंडा फहराने का दिवास्वप्न उनके अगले कुछ साल भी बरबाद करेगा" ।

कुछ दिन बाद मेरे पास एक फोन आया । आवाज़ पहचानी हुई नहीं थी । दूसरी ओर से आवाज़ ने कहा " आपने लिखा है हम दिवास्वप्न देखते हैं" ? मैं समझ गया कि दूसरी ओर कौन है । मैंने कहा " जी हां मैंने वैसा ही समझा है मुझे लगता है कि यदि आप आदिवासियों के लिये लड़ रहे हैं तो आपको अब बातचीत करके उनके लिये कुछ हासिल करना चाहिये"। दूसरी ओर से आवाज़ ने कहा " आपके हिन्दू के लेख को आंध्रप्रदेश की सरकार ट्रांसलेट करवाकर फोटोकापी गांवों में बंटवा रही है कि बीबीसी कहता है कि हमारा कोई भविष्य नहीं है" । मैंने कहा " क्या आप मुझे धमकी दे रहे हैं ? " आवाज़ ने तुरत अपना सुर बदला " नहीं हम समझते हैं कि आपको हमारा पक्ष समझाने की जरूरत है आपका ब्रेन वाश किया जा रहा है" । मैंने कहा "सभी का पक्ष समझना ही हमारा पेशा है इसलिये मैं आपकी बात भी सुनना चाहूंगा" । पर उसके बाद कोई फोन नहीं आया ।


पिछले महीने एक बार फिर बीबीसी रेडियो ने मुझसे नक्सलियों पर कार्यक्रम बनाने का आग्रह किया । मैंने सूत्रों के माध्यम से खबर भिजवाने की कोशिश की कि फलां दिनों में मैं छत्तीसगढ में रहूंगा और उनसे मिलने की मेरी इच्छा रहेगी ।

इसी कार्यक्रम के सिलसिले में मैं पहले समाजशास्त्री योगेन्द्र यादव से मिला । उन्होंने कहा " नक्सलियों की माइंडलेस हिंसा को देखकर मुझे कभी कभी लगता है कि किसी भी कीमत पर पहले इनको खत्म करना चाहिये । पर छत्तीसगढ में हिंसा को खत्म करने के नाम पर जो भी हो रहा है वह गलत है" ।

मेरे एक मित्र जो बस्तर की सीमा पर रहते हैं । उनके सामाजिक सरोकारों के कारण मैं उनकी बडी इज़्ज़त करता हूं और बस्तर जाने के रास्ते जब उनसे मिला उन्होंने कहा " मैं ऐसे किसी भी काम का समर्थक नहीं हूं जिससे नक्सलियों को किसी भी तरह से मदद मिलती हो । इसलिये मैं सलवा जुडुम पर भेजे जा रहे जांच दलों के भी खिलाफ हूं" । हमारी खबर "अन्दर तक" पहुंच गयी थी और हमें गुप्त तरीके से एक बार फिर "अन्दर" ले जाया गया।


पिछली बार हमें 4 दिन पैदल चलना पडा था । इस बार जीप से उतरते ही हरी वर्दी वाले दिखने लगे । मुझे लगा " क्या इनका साहस बढ रहा है ? " सब कुछ पिछ्ली बार की ही तरह था । वही लाल सलाम कहता हुआ स्वागत । पेड के नीचे का प्लास्टिक की शीट वाला कैम्प । तीन पत्थर लगाकर चूल्हा । दाल और चावल का खाना । सुबह की ड्रिल । बन्दूकें अभी भी .303, कम से कम हमें जो दिख रहा है । कमाण्डर के पास ए के मशीनगन । वही आदिवासी महिलाओं की बहुतायत और आंध्र का लीडरशिप । इस बार भी लोगों की बैठक बुलाई गई ।

बैठक छोटी थी पर पता लगाना मुश्किल कि लोग अपनी मर्ज़ी से आए या बन्दूक के डर से । पर इतना समझ में आया कि जनता के साथ नक्सली चेतना नाट्य मंच का जबरदस्त तालमेल है । वे जनता को हंसाते हैं । प्रत्येक नृत्य और गीत के पहले और बाद में उनको समझाते हैं, कि वे क्या गाने जा रहे हैं और नृत्य खत्म होने के बाद जनता से सवाल पूछते हैं । जनता जवाब देती है। नक्सल सेना में शामिल कई युवा आदिवासियों ने मुझे बताया " चेतना नाट्य मंच का कर्यक्रम देखकर हम इतने आकर्षित थे कि हमें बस इंतजार था कि कब हम बडे हो जाएं और पार्टी में शामिल हो जाएं" ।

उनमें से कई ने कहा " हम अन्याय के खिलाफ लडने के लिये आए हैं" । पर मुझे यह समझ में नहीं आया कि इन्हें कितनी समझ है और क्या सचमुच इन्हें मालूम है कि ये क्या कर रहे हैं ?

रात में कमाण्डर साहब से चर्चा हुई । मैंने उनसे पूछा "तेलंगाना, नक्सलबाडी, श्रीकाकुलम सब असफल रहे इस बार कहानी कुछ अलग क्यों होगी ? उन्होंने कहा " हमने अपनी भूलों से सीख ली है । तेलंगाना, नक्सलबाडी,श्रीकाकुलम इसलिये असफल रहे क्योंकि वे एक ही क्षेत्र में सीमित थे । इस बार शुरु से ही हम अलग अलग इलाकों में फैल गये । हम लोग 80 के दशक में दण्डकारण्य में 45 लोग आए थे, उसमें से 10 ही बचे हैं पर आज हमारे साथ 1500 हथियारबंद साथी हैं और लाखों करोडो आदिवासी जनता" । मेरा दूसरा प्रश्न था " कुछ आदिवासी आपके साथ है पर गैर आदिवासी आपको आतंकवादी और समाजविरोधी मानते हैं और किसी भी कीमत पर आपका खात्मा चाहते हैं । ऐसी सूरत पर आपका लाल किले में लाल झंडा फहराने का सपना दिवास्वप्न ही लगता है" । "जी हां, हमारे कैडरों में 95% आदिवासी हैं और गैर आदिवासियों के बीच काम न करना हमारी भूल रही है । हमारी पिछली पार्टी कांग्रेस ने इस भूल को समझा है और अब हम शहरी क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं" ।

मैंने पूछा " आप लोगों ने दूसरी ओर से बढी हिंसा के बदले जो माइंडलेस हत्या की शुरुआत की है उसकी इज़ाज़त आपको कौन देता है " ? "हत्याओं का सारा फैसला जन अदालत करती है । और हमसे कुछ भूलें हुई हैं । और हम पीडित परिवारों के साथ काम करने की कोशिश कर रहे हैं । सरकार की तरह हम उन्हें लाखों रूपए तो नहीं दे सकते पर हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी भूल से अनाथ हुये परिवार की रोज़ी रोटी चलती रहे" ।

अब जन अदालत मैंने तो देखी नहीं पर लौटने के बाद जनसत्ता के पत्रकार पुष्पराज का एक लेख पढने को मिला । पुष्पराज ने लिखा है " हमारे सामने हुये जन अदालत में सारा फैसला बंदूकधारियों ने ही किया"। पिछले हफ्ते पुलिस ने दंतेवाडा में नक्सलियों की एक बैठक में हमला कर 10 नक्सलियों को मार डाला । यह बताता है कि पुलिस को अब स्थानीय नाराज़ लोगों से खबरें मिलने लगी हैं ।

मामला जटिल है और इस तरह की पैराशूट पत्रकारिता से सारा सच जान लेने की आशा करना गलत होगा पर यह तो सत्य है कि आगे आने वाले कुछ साल बस्तर की जनता के लिये भयावह होंगे ।

(छत्तीसगढ़ नेट से साभार)

रचनाकार – सुभ्रांशु चौधरी. स्वतंत्र पत्रकार तथा जाने माने स्तम्भ लेखक हैं आपके लिखे अन्य आलेख आपके निम्न जाल स्थलों पर पढ़ सकते हैं-
http://36garh.notlong.com/
http://smitashu.8m.net/

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: आलेख: बस्तर का भविष्य...
आलेख: बस्तर का भविष्य...
http://photos1.blogger.com/blogger/4284/450/320/rekha%20001b.jpg
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2006/06/blog-post_17.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2006/06/blog-post_17.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content